पौड़ी : बाघ प्रभावित क्षेत्र रिखणीखाल और नैनीडांडा में बाघ की दहशत से निजात पूरी तरह से अभी तक नहीं मिल पाई। हालांकि बुधवार की शाम को वन महकमे को एक बाघ के पकड़ने में सफलता जरूर मिल गई थी, लेकिन अभी भी दो बाघ क्षेत्र में सक्रिय होने के कारण हालात वैसे के वैसे ही हैं। वन महकमे ने भी ग्रामीणों को पूरी सतर्कता पहले की तरह ही रखने को कहा है।
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नैनीडांडा और रिखणीखाल क्षेत्रों में प्रशासन ने रात्रि कर्फ्यू लगाया हुआ है साथ ही धारा 144 भी प्रभावी है। बाघ की सक्रियता के चलते धुमाकोट व रिखणीखाल तहसील के दो दर्जन गांवों में स्कूलें और आंगनबाड़ी केंद्रों में शुक्रवार को भी अवकाश घोषित किया गया है। इन स्कूलों के लिए डीएम के ताजा आदेश जारी हुए हैं। आदेश के बाद अब यदि हालात ठीक रहते है तो जल्द ही स्कूलें खोल दी जाएंगी। गढ़वाल के डीएफओ स्वपनिल अनिरुद्ध ने बताया कि टीमें पहले की तरह की गश्त करती रहेगी इसमें कोई ढिलाई नहीं होगी। क्योंकि रिखणीखाल में कैमरे में दो बाघ ट्रैप हुए थे जबकि नैनीडांडा में एक बाघ।
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रिखणीखाल में एक बाघ को पकड़ने में टीम को सफलता मिल गई है दूसरे को पकड़ने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच बीते दो-दिनों से बाघ वन महकमे के लाइव और टै्पिंग कैमरों में नहीं दिखाई दिया था। हालांकि एक बाघ बुधवार को ट्रैक्यूलाइजर गन की रेंज में आने के बाद पकड़ में आ गया। ग्रामीणों ने भी बाघ के दिखाई देने की बात कही थी। बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों की सूचना सही निकली। दोनों ही प्रभावित क्षेत्रों में गढ़वाल वन प्रभाग के साथ ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व और लैंसडौंन वन प्रभाग की टीमें बनी हुई है। इस बीच यहां एक वन क्षेत्राधिकारी की अतिरिक्त तैनाती करने सहित पशु चिकित्सकों की टीमें भी अलग से तैनाती की गई थी। क्षेत्र में वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह रावत सहित पशु चिकत्सक डॉ आयुष उनियाल, डॉ पांगति आदि शामिल है।
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