हरिद्वार : (फरमान मलिक) पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए कृष्णकांत नामक शख्स ने साइबर ठगी की कहानी गढ़ी। आरोप है कि उसने अपने भाई और साले के साथ मिलकर यह साज़िश रची और लोगों को झूठे मुकदमों में फँसाने की कोशिश की।

पुलिस के अनुसार, कृष्णकांत ने अपने परिचित सुरेंद्र को साथ मिलाकर योजना बनाई। इसके तहत फर्जी गैर-जमानती वारंट तैयार किए गए और पीड़ितों को फँसाने के लिए उनके खातों में खुद ही ₹5000-₹5000 की रकम डाली गई। इस खेल को अंजाम देने के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर और वारंट की कॉपियां तक तैयार की गई थीं।

साइबर सेल की जांच में खुलासा हुआ कि सुरेंद्र नामक व्यक्ति से कृष्णकांत की जान-पहचान जेल में हुई थी। कृष्णकांत ने सुरेंद्र को 5 लाख रुपये का लालच देकर अपने भाई डेविड और साले राहुल के साथ मिलकर फर्जीवाड़े की साज़िश रची। आरोप है कि कृष्णकांत ने सुरेंद्र को नकद रकम भी दी थी ताकि इस पूरी योजना को अंजाम दिया जा सके।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों – सुरेंद्र, डेविड और राहुल – को दबोच लिया। उनके कब्जे से ₹50,000 नगद, तीन मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, यूपीएस, फर्जी वारंट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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