हरिद्वार, ज्वालापुर: नसद्दरपुर गांव के समीप एक किसान पिछले चार वर्षों से गंदे पानी की मार झेल रहा है, लेकिन जिम्मेदार अफसरों की उदासीनता अब खुलकर सामने आ गई है। अपनी फसलें लगातार बर्बाद होते देख जब कोई उपाय नहीं सूझा, तो परेशान किसान ने खुद ही गांव के निकासी पानी को रोकने की कोशिश की, जिसके विरोध में कुछ ग्रामीणों ने उसके साथ मारपीट कर दी।
सुल्तानपुर निवासी वसीम अहमद पुत्र इस्लाम का खेत नसद्दरपुर गांव के नजदीक स्थित है। वसीम का आरोप है कि पिछले चार वर्षों से गांव का गंदा पानी सीधे उसके खेत में छोड़ा जा रहा है, जिससे उसकी फसलें साल दर साल नष्ट हो रही हैं। इस संबंध में उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान से लेकर तहसील प्रशासन तक लिखित शिकायतें कीं, लेकिन कोई भी स्थायी समाधान नहीं निकाला गया।
थक-हारकर वसीम अहमद ने अपने खेत की मेड़ खुद बनाकर गांव के गंदे पानी का रास्ता बंद कर दिया। इस पर गांव के कुछ लोगों ने विरोध जताते हुए उसके साथ मारपीट की। पीड़ित किसान ने इसकी शिकायत संबंधित थाने और अधिकारियों को दे दी है।
वसीम ने बताया कि उसने उत्तराखंड के जिलाधिकारी हरिद्वार को भी पत्र भेजकर अपनी समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित किसान का कहना है कि वह बीते कई हफ्तों से समाधान की उम्मीद में अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहा है।
पूरे मामले पर जब उप-जिलाधिकारी हरिद्वार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया।


