देहरादून : (फरमान मलिक) पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भाजपा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री के रूप में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 3 साल 358 दिन का कार्यकाल पूरा कर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पीछे छोड़ दिया। सीएम धामी का कार्यकाल उत्तराखंड के इतिहास में दूसरा सबसे लंबा कार्यकाल है, जबकि पहले स्थान पर कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी हैं जिन्होंने 2002 से 2007 तक राज्य का नेतृत्व किया था।
प्रमुख उपलब्धियां:
- समान नागरिक संहिता (UCC): धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की पहल की, जो देश में चर्चा का विषय बनी।
- नकल विरोधी कानून: धामी सरकार ने नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाया, जिसमें 10 साल की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
- भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई: सरकार ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6,500 एकड़ सरकारी भूमि को मुक्त कराया है।
- शिक्षा और रोजगार: धामी सरकार ने सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण और सहकारी समितियों में 33% आरक्षण दिया।
- राष्ट्रीय खेलों का आयोजन: धामी सरकार ने उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन किया, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने तारीफ की।
- उद्योगों में निवेश: सरकार ने उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े हैं
धामी के कार्यकाल में उत्तराखंड की राजनीति में स्थिरता आई है और उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब उनकी नजरें आगामी विधानसभा चुनाव पर हैं, जहां उनकी पार्टी को उन पर भरोसा है.
04 साल पुरे करने पर सीएम धामी ने कहा “प्रिय प्रदेशवासियों,
आप सभी के स्नेह, प्रेम और आशीर्वाद से आज मुख्यसेवक के रूप में 4 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से ये 4 वर्ष देवभूमि उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों को समर्पित रहे हैं।
इन 4 वर्षों में हर मोर्चे पर आपसे मिला अपार समर्थन मेरे लिए न केवल हर्ष का विषय रहा है बल्कि यह एक ज़िम्मेदारी का एहसास भी था जो दिन-रात देवतुल्य जनता की आशाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहा है।
भाइयों-बहनों, जहां इन 4 वर्षों में समान नागरिक संहिता, सख़्त नक़ल विरोधी क़ानून, सख़्त धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन के संकल्प को पूरा किया है वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद, अवैध मदरसों व अतिक्रमण पर निरंतर कार्रवाई और सख़्त भू-क़ानून लागू कर देवभूमि के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है।
इन 4 वर्षों में एक ओर जहां प्रदेश सतत विकास के लक्ष्यों (SDG Index) की प्राप्ति में देश का अग्रणी राज्य बना है वहीं दूसरी ओर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए इकोलॉजी, इकॉनमी और टेक्नोलॉजी के बेहतर समन्वय से रोड, रेल और रोपवे निर्माण के क्षेत्र में भी नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है।
सीएम हेल्पलाइन 1905 और 1064 विजिलेंस ऐप से सदैव आम जनमानस के विश्वास को जीतने का प्रयास किया है और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मगरमच्छ जैसे भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजकर एक सख्त संदेश भी दिया। युवा साथियों को इन 4 वर्षों में पूर्ण पारदर्शिता के साथ 23000 से भी अधिक सरकारी नौकरी दी है और महिलाओं को 30% क्षैतिज आरक्षण देकर उनकी सशक्त भागीदारी भी सुनिश्चित की है। यही कारण है कि आज प्रदेश में बेरोज़गारी दर तेज़ी से घटी है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है।
धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों के फलस्वरुप प्रत्येक वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा में देवभूमि उत्तराखंड पधार रहे हैं। आपके आशीर्वाद और आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्विकास, साहसिक पर्यटन को बढ़ावा, स्थानीय उत्पादों का बढ़ चढ़कर प्रचार-प्रसार, होम स्टे योजना के माध्यम से स्वरोज़गार, छात्रवृत्ति योजनाएँ, खेल और खिलाड़ियों के लिये बेहतर सुविधाएँ, किसान कल्याण, सैनिक कल्याण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य आज देवभूमि उत्तराखंड के विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देते हुए रिकॉर्ड ₹ 3.5 लाख करोड़ के MOU साइन किए और अभी तक ₹ 1 लाख करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगामी वर्षों में देवभूमि उन्नति और प्रगति के क्षेत्र में नये सोपान गढ़ने को तैयार है। देवभूमि उत्तराखंड की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए देवतुल्य जनता और केंद्रीय नेतृत्व का हार्दिक आभार।
मन समर्पित, तन समर्पित,
और यह जीवन समर्पित।
चाहता हूं मातृ-भू , तुझको अभी कुछ और भी दूं।
जय हिन्द, जय उत्तराखंड


