देहरादून : (गुलशन आजाद) उत्तराखंड उच्च न्यायालय बुधवार को राज्य में हाल ही में लागू किए गए समान नागरिक संहिता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भीमताल निवासी और पूर्व छात्र नेता सुरेश सिंह नेगी ने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें यूसीसी के विभिन्न प्रावधानों, विशेष रूप से लिव-इन रिलेशनशिप के प्रावधानों को चुनौती दी गई है।

जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि समान नागरिक संहिता मुस्लिम, पारसी और अन्य विवाह पद्धतियों की अवहेलना करती है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता को पूरी तरह से लागू किया है। इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने को लेकर बहस तेज हो गई है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने भी उत्तराखंड सरकार के UCC के विरोध में कोर्ट जाने की बात कही थी । उनका कहा था कि वे शरीयत के खिलाफ कोई भी कानून स्वीकार नहीं करेंगे।

इस कानूनी प्रक्रिया के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है और इसका राज्य तथा देश के अन्य हिस्सों में UCC के कार्यान्वयन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

Share this

Comments are closed.

Exit mobile version